भारत एक युवा देश है, जहां 65% आबादी 35 साल से कम उम्र की है। लेकिन, 2023-24 के इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार, सिर्फ 51.25% युवाओं के पास नौकरी के लिए जरूरी स्किल्स हैं। यह चिंता की बात है, क्योंकि इस आंकड़े के अनुसार आधे से ज्यादा युवा नौकरी के लिए ठीक से तैयार नहीं हैं। यह आंकड़े बताते हैं कि हमारे देश की शिक्षा प्रणाली में सुधार की जरूरत है। स्कूल और कॉलेजों की बड़ी संख्या के बावजूद, वे छात्रों को जरूरी तकनीक और स्किल्स नहीं सिखा पा रहे हैं जो नौकरी के लिए आवश्यक हैं। इसके कारण, ग्रैजुएट होने के बावजूद, कई युवा नौकरी पाने में सफल नहीं हो रहे हैं।
स्कूल और कॉलेजों के सिलेबस और उद्योग की मांगों के बीच का बड़ा अंतर इस समस्या की एक बड़ी वजह है। हमारी शिक्षा प्रणाली अभी भी पारंपरिक पढ़ाई और थियरी पर आधारित है, जबकि आज के तकनीकी युग में ज़मीनी स्किल्स और अनुभव की ज्यादा जरूरत है। इसके अलावा, कई छात्रों को सही करियर मार्गदर्शन और उद्योग के संपर्क का अभाव है, जिससे उनकी नौकरी पाने की संभावना कम हो जाती है। यह स्थिति बताती है कि भारत में शिक्षा और स्किल विकास कार्यक्रमों में सुधार की बहुत जरूरत है। हमें अपने सिलेबस और प्रशिक्षण कार्यक्रमों को उद्योग की मांगों के अनुसार बदलना होगा, ताकि छात्र आसानी से नौकरी हासिल कर एक स्थिर जीवन व्यतित कर सकें।